Saturday, November 04, 2006

Wive's Rights in Islam

बीवी के हक़ शौहर पर

इस्लाम ने औरतों पर अपने शौहर के लिए कुछ नियम बनाये जिनका सख्ती से पालन करना बीवियों के लिए फर्ज हैं। रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया कि अगर मैं खुदा के अलावा किसी ओर को सज़्दा करने का हुक़्म देता तो, मैं औरतों को हुक़्म देता, कि वो अपने शौहर को सज़्दा करें।
शौहर के हक़ूक़ तो बहुत ज़्यादा है. इनमें से नीचे लिखे कुछ हक़ूक़ ज्यादा क़ाबिलें फर्ज है।
1. शौहर की इज़ाजत के बगैर घर से बाहर कहीं न जाये।
2. शौहर की गैर मौजूदगी में उसकी इज़ाजत के बगैर किसी को घर में आने नहीं दे, न कोई सामान उससे पुछे बगैर किसी को दे।
3. शौहर के मकान, माल और सामान की बीवी अमीन होती है, उसकी इज़ाजत के बगैर किसी को कुछ भी देना अमानत में खयानत है, जो एक बहुत बड़ा गुनाह हैं।
4. किसी भी स्थिति में ऐसा काम न करे जो शौहर को पसन्द न हो।
5. बच्चों की अच्छी तरबियत उनकी परवरिश उस पर फर्ज है।
6. मकान की हिफाज़त के साथ साफ सफाई का भी ख़ास ख्याल रखें।
7. हदीस में है कि अगर शौहर हुक्म दे की दिन भर धूप में खड़ी रहो, या रात भर जागती रहो तो बीवी पर फर्ज है कि वह उसके हुक्म की नाफरमानी नहीं करें। थोड़ी तकलीफ और सब्र के साथ उस पर अमल करे।
साथ में कुछ बातों का और ध्यान रखेः-
٭ शौहर की पसन्द, नापसन्द का ख्याल रखें। उसके उठने, बैठने, खाने-पीने, सोने-जागने, पहनने - ओढ़ने और बातचीत में उसकी आदत और हर बात को जान ले, उसके बाद लाज़िम है कि वह शौहर की आदतें पहचान लेने के बाद हर काम उसके अनुसार करे, चाहे उसका अमल उसका तरीका सही हो या गलत।
* अपने शौहर के माल, सामान, मकान आदि की कमिया नही निकालें.
* शौहर की शक्ल सूरत में खामियां नहीं ढूंढे।
* शौहर के मां-बाप, खानदान को कमेन्ट नहीं करें।
* शौहर की माली हालत के अनुसार खर्च करें।
* हमेशा शौहर के सामने उठते, बैठते या बातचीत में हर हालत में बाअदब रहे।
* शौहर की आमदनी या कमाई का हिसाब उससे न मांगे।
* अपने मां- बाप के, अपने परिवार की बड़ी बड़ी बातें उससे न करें।
* शौहर अगर किसी बात पर नाराज़ है तो उसे हर कीमत पर मनाये।

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